हिंदू धर्म के अनुसार की गई शादी में दूल्हा और दुल्हन अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेते हैं और हर फेरे के साथ एक-एक वचन लेते हैं। आइये बताते हैं यह वचन क्या हैं।
पहले वचन में कन्या वर से वचन मांगती है कि किसी भी तीर्थ यात्रा पर वो अकेला नहीं जाएगा बल्कि पत्नी को साथ लेकर जाएगा। धार्मिक कार्य या उपवास भी साथ किए जाएंगे।
कन्या वर से दूसरे वचन में कहती है कि वह जिस तरह अपने माता-पिता का आदर-सत्कार करता है उसी तरह मेरे परिवार को भी सम्मान देगा।
तीसरे वचन में कन्या वर से कहती है कि आप जीवन में तीनों अवस्थाओं (युवावस्था, प्रौढ़ावस्था, वृद्धावस्था) में साथ निभाएंगे और मेरा ध्यान रखेंगे। यदि आप ऐसा करने का वचन देते हैं, तो मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करती हूं।
चौथे वचन में कन्या वर से कहती है कि अब तक आप पारिवारिक जिम्मेदारियों से मुक्त थे, लेकिन अब आपको परिवार के आर्थिक और सामाजिक दायित्वों को निभाना होगा। अगर आप तैयार हैं तो मैं आपके वामांद में आना स्वीकार करती हूं।
पांचवे वचन में कन्या कहती है यदि आप अपने घर के कार्यों, धन के लेन-देव या अन्य किसी महत्वपूर्ण निर्णय में मेरी राय लेंगे, तो मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करती हूं।
छठे वचन में कन्या कहती है कि आप मेरा कभी अपमान नहीं करेंगे और खुद को सभी बुरी आदतों से दूर रखेंगे तो मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करती हूं।
अंतिम वचन में कन्या वर से यह वादा मांगती है कि आप दूसरी औरतों को माता-बहनों की नजर से देखेंगे और पति-पत्नी के रिश्ते में किसी तीसरे को आने नहीं देंगे। अगर आप यह वचन मुझे देते हैं तो मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करती हूं।