सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है।
प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने का पहला प्रदोष व्रत कल यानी 8 जून, रविवार को रखा जाएगा।
मान्यता है कि इस दिन पूजा-अर्चना करने और व्रत रखने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
ऐसा कहा जाता है कि प्रदोष व्रत के दिन पूजा-पाठ के साथ-साथ भगवान शिव के मंत्रों का जाप करने से शिव जी भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
यहां जानिए भगवान शिव के किन मंत्रों का जाप करना शुभ होता है।
ॐ नमः शिवाय:
ॐ गौरीशंकरार्धनाथ्री नमः
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनं नावहंतु:
ॐ नमः शिवाय गुरुदेवाय नमः
ॐ शिवलिंगाय नमः