Apr 28, 2025
हमारे हिंदू धर्म में पीरियड्स (मासिक धर्म) के समय पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होने की मनाही मानी जाती है।
यही वजह है कि कई महिलाएं तीर्थयात्रा पर जाते समय जब अचानक पीरियड्स आ जाते हैं, तो परेशान हो जाती हैं कि अब प्रभु के दर्शन करें या न करें।
हाल ही में वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज से एक महिला ने इसी विषय पर सवाल किया, जिसका प्रेमानंद जी ने बहुत सुंदर और सहज जवाब दिया।
एक महिला ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि जब महिलाएं बड़ी कठिनाई से तीर्थ यात्रा पर पहुंचती हैं और तभी मासिक धर्म हो जाता है, तो क्या उन्हें दर्शन करने चाहिए या नहीं?
प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि तीर्थस्थान पर पहुंचकर दर्शन करने का सौभाग्य नहीं छोड़ना चाहिए। मासिक धर्म कोई अशुद्धि नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के शरीर की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है।
प्रेमानंद महाराज आगे कहते हैं कि तीर्थ पर पहुंचना आसान नहीं होता, लोग कठिन परिश्रम और धन खर्च करके वहां पहुंचते हैं। ऐसे में सिर्फ मासिक धर्म के कारण दर्शन से वंचित रहना उचित नहीं है।
प्रेमानंद महाराज ने सलाह दी कि महिलाएं स्नान कर लें और भगवत प्रसादी चंदन अपने माथे पर लगाकर भगवान के दर्शन करें।
इस बात का ध्यान रखें कि इस दौरान दूर से ही दर्शन करें। किसी मूर्ति या मंदिर की सीढ़ियों को छूना नहीं चाहिए और कोई सेवा या सामग्री अर्पित नहीं करनी चाहिए।
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