भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि के दिन कजरी तीज का व्रत रखा जाता है।
इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। इसके साथ ही शिव-पार्वती की पूजा करती है।
कजरी तीज को कज्जली तीज, सातुड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है।
इस दिन दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है।
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 11 अगस्त की सुबह 10.34 से आरंभ हो रही है, जो 12 अगस्त की सुबह 08.41 बजे समाप्त होगी। इसलिए कजरी तीज 12 अगस्त को मनाई जाएगी।
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04.23 से 05.06 बजे तक विजय मुहूर्त- दोपहर 02.38 से 03.31 बजे तक गोधूलि मुहूर्त- शाम 07.03 से 07.25 बजे तक निशिथ काल मुहूर्त- रात 12.05 से 12.48 बजे तक
इस साल कजरी तीज पर सुकर्मा के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। सुकर्मा योग प्रात:काल से लेकर शाम 06 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 11 बजकर 52 मिनट से 13 अगस्त को सुबह 5 बजकर 49 मिनट तक रहेगी।
कजरी तीज सके दिन भद्रा सुबह में 5 बजकर 49 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 40 मिनट तक रहेगी। इस अवधि में धरती में भद्रा रहेगा।