सुहागिन महिलाओं के लिए हरतालिका तीज का व्रत बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस दिन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
हरतालिका तीज के दिन कुछ खास नियमों का पालन करना जरूरी होता है। इस दिन पूजा की थाली में ये सामग्री होना जरूरी है।
हरतालिका तीज व्रत की पूजा में हल्दी, कुमकुम, चावल, अक्षत, रोली, दीपक, रुई की बत्ती, घी, अगरबत्ती और जल से भरा कलश होना चाहिए।
इसके अलावा भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या चित्र, फूल-माला, श्रृंगार का सामान और बेलपत्र रखना जरूरी है।
पूजा में फल, मिठाई, पान, सुपारी, नारियल और मौसमी फलों को रखना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन हलवा, लड्डू और खीर बनाने का खास महत्व है।
हरतालिका तीज की पूजा कथा के बीना अधूरी मानी जाती है। कथा सुनना और करवाना दोनों ही व्रत का अभिन्न हिस्सा है।
इस दिन महिलाओं को सोलह श्रृंगार करना चाहिए। वहीं, थाली में चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, काजल, मेहंदी, आलता, गहने और सुहाग की अन्य वस्तुएं खासतौर से रखी जाती हैं।