हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर हनुमान जी की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने की विधान है।
हनुमान जी परम प्रतापी होने के साथ-साथ काफी बुद्धिमान थे। वह अपनी बुद्धिमत्ता से हर किसी को चकित कर देते थे।
तुलसीदास की हनुमान चालीसा में बजरंगबली के चरित्र को विस्तार से बताया है।
आइए जानते हैं हनुमान जी से हर व्यक्ति को कौन सी सीख लेनी चाहिए, जिससे वह हर क्षेत्र में सफल हो सकता है।
हनुमान जी से सोने की लंका जलाकर रावण का अहंकार तोड़ दिया था। इससे हमें सीख मिलती है कि कभी भी किसी चीज का अहंकार न करें।
जब हनुमान जी माता सीता का पता लगाने के लिए निकले थे, तो उन्हें रास्ते में मेनाक पर्वत ने आराम करने का आग्रह किया। लेकिन वह अडिग रहें और बिना माता सीता के खोजने तक आराम नहीं किया।
हनुमान जी काफी जिज्ञासु की प्रवृत्ति के थे। उन्होंने सूर्यदेव को फल समझकर उन्हें खा गए थे। इसके साथ ही उन्हें हमेशा कुछ न कुछ नया सीखने की जिज्ञासा रहती थी।
हनुमान जी से सीख मिलती है कि समय आने पर ही बल और शक्ति के बीच संतुलन बनाना जरूरी है, वरना बनता काम भी बिगड़ जाता है।