पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस दिल लोग हनुमान जी की पूजा-अर्चना करते हैं और तरह-तरह की चीजें चढ़ाते हैं।
ऐसा भी कहा जाता है कि महिलाएं हनुमान जी की मूर्ति को स्पर्श नहीं कर सकती हैं। आइए जानते हैं इस बात में कितनी सच्चाई है:
प्रेमानंद महाराज के अनुसार ये बात केवल सिद्धि के लिए की जाती है। उनकी शक्ति के रूप में पूजा करते हैं इसलिए नियम कानून लगाते हैं।
आगे वो कहते हैं कि मान लो हनुमान जी मेरे लाला हैं, छोटे पुत्र हैं, मेरे भाई हैं या जो भी भाव समझ कर उनमें भक्ति रखते हैं तो क्या कोई पूजा करने से रोक सकता है।
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि हनुमान जी भगवान ही तो हैं। तो स्त्री क्यों नहीं पूजा कर सकती हैं।
आगे प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि, 'हम भगवान के अंश हैं जो एक जैसे हैं। इसमें छोटा-बड़ा और भला-बुरा जैसा कुछ नहीं है। सब एक समान हैं।
भगवान सम हैं तो उनका अंश भी सम ही है। अगर हनुमान जी से ऐसी प्रीति है तो यहां कौन सा नियम लागू होगा। हर कोई उनकी पूजा कर सकता है।
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि प्रेम भाव से भक्ति करना सबका अधिकार है।