कनॉट प्लेस का नाम ब्रिटिश शाही व्यक्ति ड्यूक ऑफ कनॉट और स्ट्रैथर्न के नाम पर रखा गया है।
कनॉट प्लेस में इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स, रेडीमेड गारमेंट्स से लेकर तकरीबन हर तरह की दुकानों के साथ नामी-गिरामी कंपनियों के भी ऑफिस हैं।
कनॉट प्लेस का सेंट्रल पार्क सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए भी जाना जाता है और इसे शहर के टॉप लोकल हैंगआउट में से एक माना जाता है।
कनॉट प्लेस में A से P तक कुल 13 ब्लॉक हैं। इन ब्लॉकों में कई शॉपिंग सेंटर, ऑफिस, रेस्टोरेंट और कैफे मौजूद हैं। सब की अपनी अलग-अलग खासियत है।
दिल्ली किराया नियंत्रण अधिनियम 1958 के तहत कनॉट प्लेस में कई संपत्तियों का मासिक किराया 3500 रुपये से कम है।
इनमें से ज्यादातर किरायेदारों ने अपनी जगह महंगे शोरूमों और फूड चेन्स को दे रखी है, जिनसे वे खुद लाखों रुपये महीना किराया वसूलते हैं।
कनॉट प्लेस की असली मालिक भारत सरकार है। यह सरकारी संपत्ति है।
वहीं, इसके प्रबंधन और रख-रखाव का कार्य एमसीडी और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा किया जाता है।