पपीता एक ऐसा फल है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। लेकिन जब बात आती है इसके सेवन की, तो लोग अक्सर कन्फ्यूज हो जाते हैं कि कच्चा पपीता खाना बेहतर है या उबला हुआ।
दोनों ही रूपों में पपीता अपने-अपने ढंग से लाभ पहुंचाता है। आइए जानते हैं कि आपके लिए कौन-सा विकल्प अधिक फायदेमंद हो सकता है।
पाचन स्वास्थ्य के लिए वरदान: - कच्चे पपीते में पेपेन और काइमोपेपेन जैसे एंजाइम्स पाए जाते हैं, जो प्रोटीन को तोड़ने और पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। यह पेट की समस्याओं, जैसे अपच और कब्ज, में राहत देता है।
कच्चे पपीते में विटामिन C भरपूर मात्रा में होता है (100 ग्राम में लगभग 60.8 मिग्रा), जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है और शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करता है।
इसमें विटामिन A और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं, जो त्वचा को चमकदार बनाने और आंखों की रोशनी को बनाए रखने में मदद करते हैं।
कच्चा पपीता कम कैलोरी और अधिक फाइबर वाला होता है, जिससे पेट देर तक भरा रहता है और ओवरईटिंग से बचा जा सकता है।
कच्चे पपीते में लेटेक्स पाया जाता है, जो यूटरिन कॉनट्रैक्शन को बढ़ा सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को इससे परहेज करना चाहिए।
पाचन में आसान: - पपीते को उबालने से उसका टेक्सचर नर्म हो जाता है, जिससे यह पेट के लिए हल्का और आसानी से पचने वाला बन जाता है। खासतौर पर बुजुर्गों, बीमार व्यक्तियों या कमजोर पाचन तंत्र वालों के लिए यह बेहतर विकल्प है।
हालांकि उबालने से कुछ गर्मी-संवेदनशील पोषक तत्व, जैसे विटामिन C, कम हो सकते हैं, लेकिन इसमें फाइबर, पोटैशियम और बीटा-कैरोटीन (जो शरीर में विटामिन A में बदल जाता है) बना रहता है।
उबला पपीता भी कम कैलोरी और उच्च फाइबर से भरपूर होता है, जिससे यह वजन घटाने में मदद करता है और पेट लंबे समय तक भरा महसूस होता है।
यदि आप स्किन, आंखों की सेहत, इम्युनिटी बढ़ाने और पाचन सुधारने के लिए मैक्सिमम न्यूट्रिशन चाहते हैं, तो कच्चा पपीता चुनें। वहीं, अगर आपको पाचन की समस्या है, बीमारी से उबर रहे हैं या कुछ हल्का और पचने में आसान खाना पसंद है, तो उबला पपीता बेहतर रहेगा।