तेजी से बदलती लाइफस्टाइल, देर रात तक काम या पार्टी, और अनियमित नींद—ये सब मिलकर जन्म देते हैं एक नए जमाने की बीमारी को, जिसे कहते हैं ‘सोशल जेट लैग’। यह कोई सामान्य थकान नहीं, बल्कि आपके शरीर की जैविक घड़ी (Biological Clock) और सोशल लाइफ के बीच का संघर्ष है।
सोशल जेट लैग तब होता है जब हमारे शरीर की प्राकृतिक नींद-जागने की लय (Circadian Rhythm) और हमारे काम या सामाजिक जीवन का शेड्यूल मेल नहीं खाता। इसका नतीजा होता है—नींद का कर्ज, थकावट, चिड़चिड़ापन और लंबे समय में स्वास्थ्य पर बुरा असर।
उदाहरण के लिए, अगर आप सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 7 बजे उठते हैं लेकिन शनिवार-रविवार को दोपहर तक सोते हैं, तो यह आपके शरीर की जैविक घड़ी को गड़बड़ा देता है।
देर रात तक मोबाइल या लैपटॉप पर एक्टिव रहना, वीकेंड पार्टी कल्चर और देर रात तक जागना, काम के शेड्यूल और निजी जीवन में तालमेल न होना, शिफ्ट वर्क और नाइट शिफ्ट का बढ़ता चलन, और नींद को लेकर लापरवाही और जागरूकता की कमी।
दिन में थकान और रात को नींद ना आना- नींद की अनियमितता से नींद आने में परेशानी होती है, जिससे अगला दिन भी थकावट भरा गुजरता है।
लगातार नींद की कमी से चिड़चिड़ापन और फोकस में गिरावट आती है।
रिसर्च बताती हैं कि सोशल जेट लैग हृदय रोग, मोटापा, और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है।
जब आप अपनी प्राकृतिक नींद की लय से लड़ते हैं, तो आपकी ऊर्जा, उत्साह और जीवन जीने की गुणवत्ता पर असर पड़ता है।
नींद का कर्ज यानी Sleep Debt तब होता है जब हम रोज पर्याप्त नींद नहीं लेते और ये कर्ज समय के साथ बढ़ता जाता है। सोशल जेट लैग इस कर्ज को और बढ़ाता है क्योंकि हम काम और सोशल लाइफ के बीच नींद की बलि चढ़ा देते हैं।
नियमित नींद का शेड्यूल अपनाएं - रोज एक ही समय पर सोना और जागना, चाहे छुट्टी हो या काम का दिन।
किताब पढ़ना, हल्का म्यूजिक या गर्म पानी से स्नान—ऐसी आदतें दिमाग को सिग्नल देती हैं कि अब आराम का समय है।
सुबह के समय में बाहर निकलें। प्राकृतिक रोशनी जैविक घड़ी को सही करती है।
नियमित व्यायाम करें, लेकिन सोने से ठीक पहले भारी एक्सरसाइज न करें।
रात को भारी खाना, कैफीन या शराब से बचें। ये आपकी नींद को बिगाड़ सकते हैं।