शादी-ब्याह, बच्चे के जन्म या फिर किसी खास अवसर पर किन्नर लोगों के घर जाते हैं। किन्नर समाज में सबसे खास बात यह होती है कि ये तालियां बजाते हुए नजर आते हैं।
लेकिन किन्नर जो ताली बजाते हैं जो नॉर्मल ताली से बिल्कुल अलग होती है। ऐसे में आइए जानते हैं ये ताली क्यों बजाते हैं ये शुभ है या अशुभ?
किन्नर समाज का ये खास ताली अंदाज उनकी पहचान से भी जुड़ा हुआ है।
ताली की खास आवाज और बजाने के तरीके से एक किन्नर दूसरे की पहचान करता है।
दरअसल, कई बार पैसा उगाही के लिए वेश बदलकर भी फर्जी किन्नर घूमते हैं। ऐसे में असली किन्नर उनकी तालियों की आवाज से पहचान कर लेते हैं।
ये ताली के जरिए अपनी भावनाओं को भी प्रकट करते हैं। गुस्सा होने या फिर खुशी पर भी ताली बजाते हैं।
शादी-ब्याह और बच्चों के जन्म जैसे उत्सवों पर जब किन्नर ताली बजाकर खुशी का इजहार करते हैं तो इसे शुभ माना जाता है।
किन्नरों की ताली दूसरों के लिए आशीर्वाद की तरह भी होती है। साथ ही उनकी मौजूदगी का भी ये सबूत है।
किन्नर अपने एक हाथ को वर्टिकल, दूसरे को होरिजेंटल करके और उंगलियों को दूर करके ताली बजाती हैं। इस तरह ताली बजाने से एक अलग तरह की जोरदार आवाज निकलती है जो इन्हें दूसरों से अलग बनाती है।