May 23, 2025
हिंदू धर्म में वट सावित्री का बेहद ही खास महत्व है। खासकर विवाहित महिलाओं के लिए वट सावित्री का दिन बेहद ही खास होता है।
इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र-सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए व्रत रखती हैं। इस बार वट सावित्री 26 मई को मनाया जा रहा है।
वट सावित्री व्रत में बरगद के पेड़ की पूजा की जाता है। मान्यता है कि जिस तरह बरगद के पेड़ की उम्र लंबी होती है उसी प्रकार व्रती के पति की उम्र भी लंबी होती है।
मान्यता है कि, बरगद के पेड़ में त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। इस वृक्ष की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
लेकिन अगर आपके आसपास बरगद का पेड़ नहीं है तो फिर कैसे पूजा करेंगी। आइए जानते हैं:
अगर आपके घर के पास वट वृक्ष नहीं है तो आप एक दिन पहले उसकी एक टहनी तोड़कर घर ले आएं और उसे गमले में लगाकर पूजा स्थल पर रख दें और उसे वट वृक्ष मानकर विधि पूर्वक पूजन करें।
अगर बरगद की टहनी भी नहीं है तो तुलसी के पौधे के सामने बैठकर पूजा कर सकती हैं।
मान्यताओं के अनुसार, तुलसी बेहद ही पवित्र है और पूजनीय भी। ऐसे में वट सावित्री सत्यवान की कथा और पूजा तुलसी के पौधे के पास बैठकर विधि-विधान से कर सकती हैं।
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