Apr 21, 2025
मार्केट में असली के साथ नकली दवाएं भी मिलती हैं। ऐसे में ये टिप्स फॉलो कर पता कर सकते हैं:
गलत स्पेलिंग और हल्की प्रिंटिंग
सील टूटी हुई या फिर असामान्य पैकिंग।
दवा के बॉक्स और स्ट्रिप पर बैच नंबर, मैन्युफैक्चरिंग व एक्सपायरी डेट मेल खानी चाहिए।
कई दवाओं के यूनिक कोड होता है जिसे स्कैन करते ही सारी जानकारी मिल जाएगी।
दवा लेते समय बिल जरूर लें।
दवा का रंग बदलना मतलब भी नकली होता है। वहीं, इसमें से आ रही गंध भी नकली की ओर इशारा करते हैं।
CDSCO.gov.in साइट पर जाकर दवा की जांच कर सकते हैं।
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