हिंदू धर्म में गंगा दशहरा के पर्व का बेहद ही खास महत्व है। मान्यता है कि इस दिन माता गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं।
गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान, दान और पूजा करने की विशेष महत्व है। लेकिन इस दिन कुछ नियमों का सख्ती से पालन करना जरूरी होता है। आइए जानते हैं क्या करें और क्या नहीं:
गंगा दशहरा के दिन भूलकर भी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से कोई बड़ी हानि हो सकती है।
वहीं, अगर पूजा-पाठ कर रहे हैं तो इस दिन प्याज, लहसुन आदि तामसिक भोजन का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
गंगा दशहरा के दिन गरीबों, बड़े-बुजुर्गों और अपने से छोटों का भूलकर भी अपमान नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से पाप चढ़ सकता है।
शास्त्रों के अनुसार इस दिन गंगा में कभी भी सीधा प्रवेश नहीं करना चाहिए। इसके लिए पहले माता गंगा के सामने हाथ जोड़कर जल में प्रवेश करने के लिए क्षमा मांगनी चाहिए।
महिलाओं को गंगा में हमेशा बाल बांधकर डुबकी लगानी चाहिए। खुले बालों में स्नान करना शास्त्रों में वर्जित बताया गया है।
गंगा दशहरा के दिन गंगाजल की कुछ बूंदों को एक बाल्टी पानी में मिलाकर स्नान करने से नौकरी में आ रही बाधा से छुटकारा मिल सकता है।
इस दिन गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करने और सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल अर्पित करने से करियर में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।