आचार्य चाणक्य को कौटिल्य, विष्णु गुप्त और वात्सायन नाम से भी जाना जाता है। उनका जीवन रहस्यों से भरा रहा।
आचार्य चाणक्य प्राचीन भारत के महान बुद्धिमानों में से एक थे। उन्होंने नीति शास्त्र की रचना की।
नीति शास्त्र के अनुसार उन्होंने मनुष्य जीवन में आने वाली तमाम परेशानियों को बेहद ही सरल भाषा में समझाया।
उनके द्वारा गई बातों को अगर गांठ बांध लें तो कई सारी समस्याओं का हल करने में आसानी होगी साथ ही कामयाबी भी मिल सकती है।
नीति शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति को इन चार जगहों पर नहीं रहना चाहिए। आइए जानते हैं:
नीति शास्त्र के अनुसार उस देश या फिर जगह पर कभी निवास नहीं करना चाहिए आपका कोई मित्र न हो।
चाणक्य नीति के अनुसार जिस देश या फिर स्थान पर आपकी ईज्जत न हो उस जगह को भी तुरंत छोड़ देना चाहिए।
जहां पर रोजगार का कोई साधन न हो या फिर आपके प्रतिभा के अनुसार नौकरी न हो तो भी उस जगह को छोड़ देने में ही भलाई है।
नीति शास्त्र के अनुसार जहां आप कोई ज्ञान अर्जित न कर सके उस जगह को भी तुरंत छोड़ कर चले जाना चाहिए।