हिंदू धर्म में रुद्राक्ष का अत्यंत पवित्र स्थान है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति स्वयं भगवान शिव के अश्रुओं यानी आंसुओं से हुई थी। यही कारण है कि इसे शिव के अंस का प्रतीक माना जाता है।
एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब त्रिपुरासुर नामक दैत्य ने धरती और देव लोक में आतंक फैलाया, तब सभी देवता भगवान शिव के पास सहायता के लिए पहुंचे। उस समय शिव जी ध्यान में लीन थे। जब उन्होंने नेत्र खोले, तो उनकी आंखों से कुछ अश्रु धरती पर गिरे और वहां रुद्राक्ष के वृक्ष उत्पन्न हो गए।
एक अन्य कथा के अनुसार, जब माता सती ने आत्मदाह किया, तो महादेव अत्यंत दुखी होकर उनके शरीर को लेकर तीनों लोकों में भटकते रहे। इस दौरान उनके जहां-जहां आंसू गिरे, वहां रुद्राक्ष के वृक्ष उग आए। इसलिए रुद्राक्ष को शिवजी के तीसरे नेत्र का प्रतीक माना जाता है।
यह सवाल अक्सर उठता है कि क्या स्त्रियां रुद्राक्ष धारण कर सकती हैं? पौराणिक मान्यताओं और आध्यात्मिक गुरुओं के अनुसार, रुद्राक्ष को महिला, पुरुष, बच्चे, वृद्ध – सभी पहन सकते हैं। यह माला सभी के लिए समान रूप से लाभकारी होती है, बशर्ते इसे श्रद्धा, नियम और शुद्धता के साथ धारण किया जाए।
प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु धीरेंद्र शास्त्री का भी मानना है कि रुद्राक्ष शिव के आंसुओं से उत्पन्न एक अत्यंत पवित्र वस्तु है और इसे कोई भी व्यक्ति पहन सकता है। हालांकि, महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष की माला पहनने से परहेज करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि उस समय शरीर की शुद्धता की स्थिति बदल जाती है।
रुद्राक्ष पहनने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। यह मानसिक तनाव, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं में सहायक होता है।
रोजाना ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का रुद्राक्ष की माला से जाप करने से शिव कृपा प्राप्त होती है और साधक की एकाग्रता बढ़ती है।
मान्यता है कि जिस घर में रुद्राक्ष की पूजा होती है, वहां देवी लक्ष्मी का वास होता है।
रुद्राक्ष पहनने से ज्ञान, धैर्य और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है।
रुद्राक्ष को वैज्ञानिक रूप से भी प्रभावशाली माना गया है। इसमें नेचुरल इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फोर्स होता है जो शरीर के साथ संपर्क में आकर सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करती है। जब जाप करते समय उंगलियां रुद्राक्ष से स्पर्श करती हैं, तो शरीर में एनर्जेटिक वाइब्रेशन्स जनरेट होते हैं, जिससे मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ होता है।