आयुर्वेद में रातरानी के फूल, पत्ते और तना औषधीय गुणों से भरपूर माने गए हैं। इसके एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं।
रातरानी के फूलों का गर्म काढ़ा बनाकर पीने से गले की सूजन और खराश में आराम मिलता है।
रातरानी की सूखी पत्तियों को उबालकर तैयार किया गया हर्बल टी पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
इसके पत्तों का गर्म लेप जोड़ों पर लगाने से सूजन और दर्द में आराम मिलता है।
इस पौधे की खुशबू में प्राकृतिक रूप से सिडेटिव गुण होते हैं, जो दिमाग को शांत करके बेहतर नींद लाने में मदद करते हैं।
इस पौधे में मौजूद प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और इम्यूनिटी बढ़ाते हैं।
रातरानी की पत्तियों को पीसकर लेप लगाने से त्वचा के संक्रमण, एलर्जी और फोड़े-फुंसी में राहत मिलती है।
यह ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करता है, जिससे हाई बीपी में राहत मिलती है।