चाणक्य नीति: पानी पीने का सही तरीका, कब होता है विष के समान?

Jul 28, 2025, 10:36 AM
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शरीर के लिए पानी बेहद जरूरी है। मानव शरीर में औसनत 55 प्रतिशत से 77% तक पानी होता है।

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पानी के सेवन से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं, किडनी, लिवर से लेकर हार्ट तक सही ढंग से काम करते हैं।

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लेकिन क्या आपको पता है कि पानी पीना का सही तरीका क्या है। आइए जानते हैं चाणक्य नीति में पानी को लेकर क्या लिखा गया है:

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1- नीति शास्त्र के अनुसार पानी अपच की दवा है।

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2- पच जाने पर पानी शरीर को बल देने का काम करता है।

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3- भोजन के समय पानी अमृत के समान होता है।

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4- भोजन के अंत में पानी विष का फल देता है।

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चाणक्य नीति के अनुसार भोजन के अंत में पानी भूलकर भी नहीं पीना चाहिए। ये विष के समान होता है। आयुर्वेद में भी यही कहा गया है।

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कितनी देर बाद पीएं पानी

आयुर्वेद के अनुसार भोजन करने के करीब 45 मिनट बाद पानी का सेवन शरीर के लिए फायदेमंद है।

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