Apr 25, 2025
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में पीठ दर्द एक आम समस्या बन चुकी है। घंटों कंप्यूटर के सामने बैठना, गलत मुद्रा में सोना या तनाव—ये सभी कारण पीठ दर्द को बढ़ावा देते हैं। लेकिन नियमित रूप से योगासन करने से आप इस दर्द से राहत पा सकते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं ऐसे 7 आसान योगासन जो पीठ दर्द को जड़ से खत्म करने में मददगार हो सकते हैं।
यह योगासन आपकी रीढ़ की हड्डी को लंबा खींचता है और कंधे, पीठ व हैमस्ट्रिंग मसल्स को स्ट्रेच करता है। यह शरीर को संतुलन देता है और पीठ के तनाव को कम करता है। (कैसे करें: पैरों और हाथों के सहारे जमीन पर आकर ‘V’ शेप बनाएं। एड़ी और हथेलियों को जमीन से सटाए रखें। गर्दन को ढीला छोड़ें और गहरी सांस लें।)
यह सौम्य बैकबेंड शुरुआती लोगों के लिए परफेक्ट है। यह लोअर बैक को एक्टिव करता है और कमर के आसपास के हिस्से को स्ट्रेच करता है। (कैसे करें: पेट के बल लेट जाएं। कोहनियों को कंधों के नीचे टिकाएं और छाती को ऊपर उठाएं। पीठ पर दबाव महसूस करें लेकिन आरामदायक हो।)
यह पोज कमर, जांघों, कूल्हों और टखनों को स्ट्रेच करता है। इससे लोअर बैक को मजबूती मिलती है और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है। (कैसे करें: दोनों पैरों को थोड़ा फैलाकर स्क्वाट पोज में बैठें। हथेलियों को नमस्कार मुद्रा में जोड़ें और कोहनियों से घुटनों को हल्का दबाएं।)
यह आसान सा दिखने वाला पोज आपकी पूरी पीठ को स्ट्रेच करता है, खासकर लोअर बैक को राहत देता है। (कैसे करें: सीधे खड़े हों और धीरे-धीरे कमर से झुकते हुए दोनों हाथों से पैरों को छूने की कोशिश करें। घुटनों को हल्का मोड़ा जा सकता है।)
यह एक रेस्टिंग पोज है जो पीठ, कूल्हे और कंधों को स्ट्रेच करता है। साथ ही यह मानसिक शांति भी देता है। (कैसे करें: घुटनों के बल बैठें और माथा जमीन पर टिकाएं। हाथों को आगे की ओर फैलाएं और गहरी सांस लें।
यह एक गतिशील योगासन है जो रीढ़ की हड्डी को लचीलापन देता है और पीठ की जकड़न दूर करता है। (कैसे करें: घुटनों और हथेलियों के बल आकर, सांस लेते हुए पीठ को नीचे की ओर झुकाएं (गाय मुद्रा)। सांस छोड़ते हुए पीठ को ऊपर उठाएं (बिल्ली मुद्रा)। इसे 10-15 बार दोहराएं।)
यह आसान योगासन विशेष रूप से लोअर बैक पेन के लिए असरदार है। (कैसे करें: पीठ के बल लेट जाएं और दोनों घुटनों को छाती की ओर खींचें। हाथों से पैरों को पकड़कर कुछ देर इसी स्थिति में रहें। धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें।)
कोई भी नया व्यायाम या योग शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह जरूर लें।
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