मुगलों ने भारत पर 300 साल से भी अधिक समय तक राज किया। इस दौरान मुगलों से कई भारत मां के वीर सपूतों ने लोहा लिया। लेकिन एक ऐसे हिंदू राजा थे जिन्हें मुगल कभी हरा नहीं पाए।
इस हिंदू राजा ने अपनी जीवनकाल में 56 वर्षों तक बुंदेलखंड पर शासन किया और इस दौरान उन्होंने 52 लड़ाइयां जीती है।
दरअसल, ये कोई और नहीं बल्कि बुंदेलखंड पर 56 वर्षों तक शासन करने वाले राजा छत्रसाल थे जिन्हें हराने की ताकत मुगलिया सल्तनत के किसी भी योद्धा में नहीं थी।
महाराजा छत्रसाल ने किशोरावस्था में ही मुगलों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया और बुंदेला साम्राज्य स्थापित किया था।
औरंगजेब जब उन्हें नहीं हरा पाया तो 1701 में उनसे संधि कर ली थी।
जब राजा छत्रसाल 12 वर्ष के थे तब औरंगजेब ने उनके पिता चंपत राय की धोखे से हत्या करवा दी थी। कहते हैं कि इतनी छोटी उम्र में ही उन्होंने एक मुगल सैनिक का सिर काट लाया था जिसके बाद उनकी वीरता के खूब चर्चे होने लगे।
पिता की हत्या के बाद छत्रसाल अपने पिता के मित्र राजा जयसिंह की सेना में भर्ती हो गए। कुछ समय बाद उन्हें छोड़कर वो मराठा शिवाजी से मिले और इसी के बाद उन्होंने मुगलों के खिलाफ जंग छेड़ दी।
उस दौरान राजा छत्रसाल के पास सिर्फ 5 घुड़सवारों और 25 तलवारबाजों की सेना थी। उन्होंने पहला हमला धंधेरों पर किया था जिन्होंने उनके पिता के साथ विश्वासघात किया था।
इसके बाद उन्होंने मुगलों के खिलाफ कई लड़ाइयां लड़ी। राजा छत्रसाल ने रोहिल्ला खान, मुनव्वर खान, बहलोल खान, सदरुद्दीन, शेख अनवर, सैयद लतीफ और अब्दुल अहमद जैसे कई बेहतरीन मुगल सरदारों को हराया।
राजा छत्रसाल ने चित्रकूट, छत्तरपुर, पन्ना और पश्चिम में ग्वालियर तक पर कब्जा कर लिया।
उत्तर में कलापी से लेकर दक्षिण में सागर, घरकोटा, शाहगढ़ और दमोह तक उन्होंने अपने साम्राज्य का विस्तार किया। इसके साथ ही उन्होंने बड़े बुंदेला साम्राज्य की भी स्थापना की।