दिल पर लगे चोट पर मरहम की तरह काम करेंगी ये 10 शायरी

Jun 10, 2025, 04:22 PM
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1-

कौन इस घर की देख-भाल करे, रोज इक चीज टूट जाती है। (जौन एलिया)

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2-

शाम भी थी धुआं धुआं हुस्न भी था उदास उदास, दिल को कई कहानियां याद सी आ के रह गईं। (फिराक गोरखपुरी)

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3-

दुनिया की महफिलों से उकता गया हूं या रब, क्या लुत्फ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो। (अल्लामा इकबाल)

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4-

तुम्हारा दिल मिरे दिल के बराबर हो नहीं सकता, वो शीशा हो नहीं सकता ये पत्थर हो नहीं सकता (दाग देहलवी)

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5-

इन हसरतों से कह दो कहीं और जा बसें, इतनी जगह कहां है दिल-ए-दाग-दार में। (बहादुर शाह ज़फर)

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7-

हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं, उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में। (बशीर बद्र)

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8-

फकत निगाह से होता है फैसला दिल का, न हो निगाह में शोखी तो दिलबरी क्या है (अल्लामा इकबाल)

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9-

तुम जमाने की राह से आए, वर्ना सीधा था रास्ता दिल का (बाकी सिद्दीकी)

10-

हम ने सीने से लगाया दिल न अपना बन सका, मुस्कुरा कर तुम ने देखा दिल तुम्हारा हो गया (जिगर मुरादाबादी)

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