द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं।
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ओडिशा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर असिस्टेंट (1979-1983) के तौर पर की थी।
इसके बाद मुर्मू ने स्कूल में शिक्षिका (1994-1997) के रूप में भी पढ़ाया।
शिक्षिका रहने के दौरान उन्होंने कभी स्कूल से पूरा वेतन नहीं लिया।
1997 में मुर्मू आरक्षित सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर ओडिशा की रायरंगपुर नगर पंचायत में पार्षद चुनी गईं।
2000 में ओडिशा की रायरंगपुर विधानसभा से जीतकर बीजेपी विधायक बनीं। 2005 में दूसरी बार जीतकर फिर विधायक बनीं।
इसी दौरान वो ओडिशा सरकार में मंत्री भी रहीं। उन्होंने वाणिज्य और परिवहन तथा मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास मंत्रालय संभाला।
मुर्मू 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रहीं।
इसके बाद मुर्मू 2022 में देश की राष्ट्रपति बनीं।