Jun 03, 2024
फिटनेस के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते। कोई डाइटिंग करता है, तो कोई एक्सरसाइज। फिटनेस के कई लोगों का पसंदीदा वर्कआउट साइकिल चलाना भी होता है। हर साल 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है।
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इस दिन साइकिल के महत्व पर जोर दिया जाता है। इस दिन का विचार सबसे पहले अमेरिका में काम करने वाले पोलिश-अमेरिकी सोशल साइंस प्रोफेसर लेसजेक सिबिल्स्की ने रखा था।
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उनके द्वारा चलाए गए अभियान के बाद यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली (UNGA) ने 2018 में 3 जून को वर्ल्ड साइकिल डे मनाने की घोषणा की। इस दिन का मुख्य उद्देश्य साइकिल चलाने से स्वास्थ्य और पर्यावरण को होने वाले फायदों को लेकर जागरूक करना है।
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90 के दशक में साइकिल हर किसी का सपना होता था। लेकिन धीरे-धीरे साइकिल की जगह बाइक और कारों ने ले ली और साइकिल केवल मेहनतकश लोगों का वाहन बन गई।
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हालांकि, कई मायनों में साइकिल बाकी सभी संसाधनों से काफी खास है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि चाहे कितना भी ट्रैफिक हो या कितनी भी तंग गलियां क्यों न हो यह आराम से वहां से निकल जाता है और प्रदूषण भी नहीं करता।
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लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसा देश भी है जहां लोगों की जनसंख्या से ज्यादा साइकिलों की संख्या है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं नीदरलैंड की।
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यहां की जनसंख्या केवल 180 लाख के आसपास है। लेकिन यहां साइकिलों की संख्या 2.2 करोड़ से ज्यादा है। वहीं, नीदरलैंड के एम्सटर्डम को दुनिया का बाइसिकल कैपिटल भी कहा जाता है।
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यहां के लोग कहीं आने जाने के लिए बाइक या कार से ज्यादा साइकिल को तरजीह देते हैं। यूनाइटेड नेशंस एनवायरमेंट प्रोग्राम (UNEP) के अनुसार, ऐसा सरकार की नीतियों की वजह से संभव हो पाया है।
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