अक्सर लोग यह मानते हैं कि सांप के मरने के बाद उसका खतरा भी खत्म हो जाता है। लेकिन सच्चाई यह है कि मृत जहरीले सांप भी इंसान के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं।
कई वैज्ञानिक और जैविक कारणों से सांप की मौत के बाद भी उसका जहर सक्रिय रहता है। आइए जानते हैं क्यों मरा हुआ सांप भी खतरनाक होता है।
कोबरा, क्रेट और वाइपर जैसे जहरीले सांपों का जहर न्यूरोटॉक्सिन या हेमोटॉक्सिन होता है। यह तंत्रिका तंत्र और रक्त को प्रभावित करता है। सांप की मौत के बाद भी उसका जहर उसके दांतों और शरीर में कई घंटों तक सक्रिय रहता है।
जहर सक्रिय रहता है – सांप का जहर प्रोटीन आधारित होता है, जो तुरंत निष्क्रिय नहीं होता। यह मृत्यु के बाद भी कई घंटों तक असरदार रहता है।
अगर कोई व्यक्ति मृत सांप को नंगे हाथों से छू ले या उसके दांत त्वचा में धंस जाएं तो जहर शरीर में प्रवेश कर सकता है।
मृत्यु के बाद भी सांप की मांसपेशियां कुछ समय तक सक्रिय रहती हैं। ऐसे में अनजाने में उसके जबड़े या दांत हिल सकते हैं और इंसान को काट सकते हैं।
सांप का जहर एक प्रकार का प्रोटीन और एंजाइम से बना होता है। यह प्राकृतिक रूप से बहुत स्थिर (stable) रहता है और मौत के बाद भी तुरंत नष्ट नहीं होता। यही वजह है कि मृत सांप भी जानलेवा साबित हो सकते हैं।
कई बार लोग उत्सुकता या लापरवाही में मरे हुए सांप को हाथ से उठा लेते हैं या खेल-खेल में छू लेते हैं। ऐसे मामलों में अनजाने में सांप के दांत त्वचा को चीर सकते हैं और जहर शरीर में जा सकता है। कई घटनाओं में लोग इस कारण गंभीर रूप से बीमार पड़े हैं और कुछ मामलों में मौत तक हो चुकी है।