हिंदू धर्म में मान्यता है कि किन्नरों की दुआओं में काफी शक्ति होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि किन्नर का अंतिम संस्कार आधी रात में किया जाता है।
कहा जाता है कि किन्नरों को मौत का आभास पहले से ही हो जाता है जिसके बाद वो कहीं आना-जाना और खाना बंद कर देते हैं।
ऐसे समय में किन्नर सिर्फ पानी पीते हैं। इसके साथ ही ये भी मान्यता है कि मरणासन्न किन्नर की दुआ में काफी शक्ति होती है।
मृत्यु के बाद उनकी शवयात्रा आधी रात में चुपचाप ले जाई जाती है।
इसके साथ ही इनके शव को खड़ा करके अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाता है।
किन्नर समाज का मानना है कि रात में इसलिए वो अंतिम क्रिया करते हैं ताकी कोई इंसान उसे देख न पाए।
क्योंकि उन्हें लगता है कि कोई इंसान किन्नर के शव को देख ले तो वह अगले जन्म में किन्नर ही बनेगा। इसी कारण आधी रात में अंतिम संस्कार किया जाता है।
शव यात्रा से पहले मृतक को जूते-चप्पलों से पीटा और गालियां दी जाती हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकी मृतक किन्नर ने जीते जी अगर कोई अपराध किया हो तो उसका प्रायश्चित हो जाए और उसे अगला जन्म इंसान का मिले।