रोजमर्रा की जिंदगी में हम कई मुहावरों का भी इस्तेमाल करते हैं।
जिसमें से एक फेमस मुहावरा है- बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद।
इसका अर्थ होता है किसी मूर्ख को गुण की परख न होना या अज्ञानी को किसी के महत्व का पता न होना।
कई बार आपने देखा भी होगा कि बंदर अदरक को खाने के बजाय फेंक देते हैं।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बंदर को अदरक का स्वाद क्यों नहीं पता होता।
दरअसल, अदरक न तो मीठा होता है, न खट्टा, न कड़वा और न ही तीखा होता है।
ऐसे में बंदर अदरक के स्वाद को पहचान नहीं पाते और इसे फेंक देते हैं।
बता दे कि, अदरक पाचन, सर्दी-खांसी से लेकर कई और समस्याओं में बेहद ही लाभकारी होता है।