कभी सोचा है! दीवार पर सरपट दौड़ती छिपकली गिरती क्यों नहीं

अक्सर घरों की दीवार और छत पर छिपकली को चलते या दौड़ते आपने भी देखा होगा। दौड़ती छिपकली को देखने के बाद मन में बस यही डर बना रहता है कि कहीं ये हमारे ऊपर न गिर जाए।

वहीं, कुछ लोगों के मन में ये भी सवाल उठते हैं छिपकलियां आखिर दीवार पर चलती कैसे हैं और उनके पैरों में ऐसा क्या होता है, जिससे वह छत या दीवार से नहीं गिरती?

दरअसल, छिपकली के पैरों के तलवों पर बहुत सारे माइक्रोस्कोपी फाइबर होते हैं, उन्हें 'सेटे' कहते हैं और हर सेटे में सैकड़ों माइक्रोस्कोपी हेयर होते हैं जो 'स्पैटुला' कहलाते हैं।

जब छिपकली दीवार पर चलती है तो ये स्पैटुला दीवार के संपर्क में आते हैं, जिससे वंडर वाल्स फोर्स उत्पन्न होती है। छिपकली इसी फोर्स की मदद से दीवार पर आसानी से चिपकी रहती है और चल या दौड़ पाती है।

आपने देखा होगा कि जब छिपकली किसी कीड़े को पकड़ने के लिए दूर से दौड़ती हुई आती है तो वह लगातार नहीं दौड़ती। वह दौड़ते समय बीच बीच में रुकती है।

ऐसे में आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि आखिर ये रुक-रुक कर क्यों दौड़ लगाती है? आपको बता दें कि छिपकली एक समय में एक ही काम कर सकती है।

इसका मतलब है कि छिपकली एक समय पर या तो दौड़ सकती है या फिर सांस ले सकती है। इसलिए दौड़ते हुए उसे सांस लेने के लिए रुकना पड़ता है।

यही वजह है कि छिपकली झपट्टा मारकर शिकार करती है। अगर शिकार छूट कर भाग जाता है तो यह फिर से उसका पीछा नहीं करती हैं।