आप जब भी हवाई जहाज से यात्रा करते होंगे तो आपने हवाई जहाज के डिजाइन, रंग और आकार पर जरूर गौर किया होगा। आपने देखा होगा कि जहाज की खिड़कियां गोल आकार में होती हैं।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ये गोल क्यों होती है। दरअसल, इसका जवाब हवाई जहाज की सुरक्षा से जुड़ा है।
हाउ स्टफ वर्क्स वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार काफी साल पहले जब कमर्शियल एयरलाइन्स की शुरुआत हुई तो खिड़कियां चौकोर ही बनाई जाती थीं।
लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि 1953 और 1954 में दो ऐसे प्लेन क्रैश की घटनाएं घटीं जिसका कारण चौकोर खिड़कियां थी।
जब इंजीनियरों ने इन घटनाओं की बारीकी से जांच की, तो उन्होंने पाया कि चौकोर खिड़कियां होने के कारण खिड़की में अपने आप कमजोर स्पोट बन जाता था जिससे मेटल फटीग फेलियर बन जाता था।
इसका मतलब है कि खिड़की के कोने बेहद कमजोर हो जाते थे और हवा के दबाव के कारण खिड़कियां टूट जाती थीं।
दरअसल, अधिक ऊंचाई पर जाने पर हवाई जहाज के केबिन पर काफी दबव बन जाता है और तापमान में भी लगातार परिवर्तन होता रहता है।
इन्हीं सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए हवाई जहाज की खिड़कियों को इस तरह डिजाइन किया गया। गोल खिड़कियां प्रेशर को पूरी खिड़की में बराबरी से बांट देती हैं और खिड़की के किसी कोने पर प्रेशर बना नहीं रहता। हवा का दबाव ज्यादा होने से क्रैक या टूटने का खतरा भी नहीं होता है।