कनाडा जाने वाले पहले सिख कौन थे और कब गए थे?

पिछले कुछ समय से भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गए हैं। खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि इसमें भारत सरकार के एजेंट का हाथ है। भारत सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।

वहीं, निज्जर हत्याकांड के सबूत को लेकर कनाडा की ओर से झूठ बोला गया था कि उन्होंने भारत को सौंप दिया है। अब खुद जस्टिन ट्रूडो ने स्वीकार किया है कि निज्जर हत्याकांड के कोई भी सबूत भारत को नहीं दिए गए थे।

कनाडा में सिख काफी ज्यादा रहते हैं। यहां तक कि देश का अर्थव्यवस्था से लेकर राजनीति तक में सिखों की अच्छी-खासी भूमिका है। लेकिन क्या आपको पता है कि कनाडा जाने वाले सबसे पहले सिख कौन थे। नहीं तो आइए जानते हैं:

पहले जान लेते हैं कनाडा में सिखों की आबादी। साल 2021 में हुए जनगणना के अनुसार कनाडा की कुल आबादी में 2.1 प्रतिशत सिख आबादी है।

कनाडा में लगभग 8 लाख सिख अनुयायी हैं। वहीं, भारतीय मूल के लोगों की संख्या यहां 16 लाख से भी अधिक है।

माना जाता है कि कनाडा जाने वाले पहले सिख केसूर सिंह थे जो ब्रिटिश भारत की सेना में रिसालदार मेजर थे और वो साल 1897 में कनाडा पहुंचे थे।

ब्रिटिश महारानी विक्टोरिया की डायमंड जुबली के असवर पर केसूर सिंह कनाडा पहुंचे थे। वो हांगकांग रेजिमेंट में तैनात थे जो सिख सैनिक के पहले ग्रुप के तौर पर वैंकूवर पहुंचा था।

ब्रिटिश महारानी विक्टोरिया की डायमंड जुबली के असवर पर सिखों को कनाडा में रेलवे, मिलों और खदानों में अच्छी सैलरी पर काम मिला। इसी के बाद कनाडा में सिखों के जाने का सिलसिला तेज हुआ।