Mar 19, 2024
इस बार लोकसभा चुनाव कुल 7 चरणों में होगा। 19 अप्रैल से शुरू होगा और आखिरी चरण का मतदान 1 जून को होगा। वहीं, 4 जून को नतीजे आएंगे। मतदान के दौरान उंगली पर स्याही लगाई जाती है जो काफी दिनों तक नहीं मिटती है।
Source: express-archives
ऐसे में क्या आपको पता है कि इस स्याही को कौन बनाता है और इसके एक बूंद की कीमत कितनी है। आइए जानते हैं।
इसकी शुरुआत साल 1962 में हुए लोकसभा चुनाव में फर्जी वोटिंग को रोकने के लिए हुई थी। तब से लेकर अब तक इस पक्की स्याही का इस्तेमाल होते आ रहा है।
इस पक्की स्याही को सिर्फ मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड कंपनी (mpvl) ही बनाती है जो कर्नाटक सरकार की कंपनी है और इसकी नींव नलवाड़ी कृष्णा राजा वाडियार ने साल 1937 में रखी थी।
1947 में देश के आजाद होने के बाद इस कंपनी को सरकार ने टेकओवर कर लिया था। शुरुआत से लेकर अब तक सिर्फ इसी कंपनी को चुनाव में इस्तेमाल होने वाली पक्की स्याही बनाने की इजाजत है।
स्याही का फार्मूला भी सीक्रेट है। ये कंपनी भारत के अलावा दुनिया के 25 देशों में भी स्याही एक्सपोर्ट करती है। वहीं, इस बार लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने कंपनी को 26 लाख वायल से भी ज्यादा स्याही बनाने के लिए कहा है।
कंपनी के एक शीशी में 10 एमएल पक्की स्याही होती है और ये करीब 700 उंगलियों पर लगाई जा सकती है। इसके 10 एमएल की शीशी की कीमत करीब 127 रुपये है।
इस हिसाब से 1 लीटर की कीमत करीब 12,700 रुपये और एक बूंद की कीमत लगभग 12.7 रुपये होती है।
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