दुनिया से सभी मच्छरों का खात्मा बन सकता है इकोसिस्टम के लिए खतरा, जानें कैसे?

रात को सोते समय जब मच्छर काटते हैं या कानों के पास भिनभिनाते हैं तो आपके मन में यह सवाल जरूर उठता होगा कि भगवान ने इन्हें क्यों बनाया है?

ये खून चूसने और मलेरिया, डेंगू , चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियां फैलाने के अलावा और क्या करते हैं? अगर दुनिया से इनकी प्रजातियां ही खत्म हो जाएं तो क्या होगा?

वहीं, मच्छरों के आसपास रहने से डेंगू का खतरा अधिक बढ़ जाता है।

आपको बता दें, दुनिया भर में मच्छरों की लगभग 3500 प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें से लगभग 100 प्रजातियां ही इंसानों के खून की ओर आकर्षित होती हैं।

गर्मी का मौसम आते ही कीड़े-मकौड़ों का आतंक भी अधिक बढ़ जाता है। खासकर मच्छर इस मौसम में खूब परेशान करते हैं।

वहीं धरती पर मौजूद कई जीव मच्छर खाकर जिंदा रहते हैं। मेंढक, ड्रैगन मक्खी, चींटी, मकड़ी, छिपकली, मछली, चमगादड़ आदि जीवों का भोजन मच्छर या उनके लार्वा होते हैं।

ऐसे में अगर धरती से मच्छरों की प्रजातियां खत्म हो गईं तो इन जीवों के पास खाने के लिए बहुत कम खाना बचेगा। सैकड़ों मछली की प्रजातियों को अपना आहार बदलना होगा। इससे इन सभी जीवों का अस्तित्व भी खतरे में पड़ सकता है।

इसके साथ ही मच्छर परागण में भी मदद करते हैं। इस प्रक्रिया में वे पौधों का पराग के कण लेकर अलग-अलग स्थानों पर गिराते हैं जिससे अलग-अलग स्थानों पर नए पौधे उग आते हैं।