भारत के साथ ही लगभग पूरी दुनिया में वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत पड़ती है।
अगर कोई व्यक्ति बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता तो उसे भारी चालान का सामना करना पड़ता है।
आधार और वोटर आईडी की ही तरह ड्राइविंग लाइसेंस भी आइडेंटिटी कार्ड की तरह काम करता है।
हर देश में ड्राइविंग को लेकर अलग-अलग नियम होते हैं।
भारत में सबसे पहले लर्निंग लाइसेंस बनता है जो करीब 30 दिनों के लिए होता है। इस दौरान एक जानकार व्यक्ति जिसका पक्का लाइसेंस हो उसके निरीक्षण में गाड़ी चलाने की अनुमति होती है।
इसके करीब 30 दिनों बाद लिखित और ड्राइविंग टेस्ट के बाद परमानेंट डीएल मिलता है जिसके बाद आसानी से ड्राइव कर सकते हैं।
लेकिन क्या आपको पता है कि ड्राइविंग लाइसेंस को हिंदी में क्या कहते हैं या फिर जब भी आप RTO दफ्तर गए हों वहां पर किसी अधिकारी से जानने की कोशिश की है। अगर नहीं पता है तो चलिए हम बताते हैं।
ड्राइविंग लाइसेंस को हिंदी में 'चालन अनुज्ञप्ति' कहा जाता है।