Feb 25, 2024
गुलामी इंसानी सभ्यता का वो इतिहास है जिसे काली स्याही से लिखा गया था। भारत समेत दुनिया के कई देश अंग्रेजों के गुलाम रहे हैं। वहीं, गुलामी प्रथा अफ्रीकियों के लिए किसी शाप से कम नहीं था।
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गुलामों के नाम पर सबसे ज्यादा खरीद-फरोख्त अफ्रीकियों की ही हुई है। यही वजह है कि ब्लैक लोग आज आपको दुनिया के कई हिस्सों में मिल जाएंगे।
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विदेशी लोग अफ्रीकियों से काम करवाने के लिए उन्हें गुलाम बनाते थे। किन आज हम आपको एक ऐसे गुलाम के बारे में बताएंगे जिसे बच्चे पैदा करने के लिए कैद किया गया था।
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हम जिस गुलाम की बात कर रहे हैं उसका नाम पाटा सेका था। उसे ब्रीडिंग स्लेव कहा जाता था। उसका असली नाम रोके जोस फ्लोरेंसियो (Roque Jose Florencio) था। 19वीं सदी में उसे ब्राजील के एक जमींदार ने गुलाम बना लिया था।
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बताया जाता है कि 1828 में जन्मे पाटा सेका की लंबाई 7 फिट 2 इंच के करीब थी और वो बहुत ताकतवर था। यही वजह थी कि उसके मालिक ने उसे ब्रीडर का कम दिया ताकि वह अपने जैसे ताकतवर और मजबूत बच्चों को पैदा कर सके।
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दरअसल, गुलाम जितना हष्ट-पुष्ठ और ताकतवर होगा उसकी कीमत उतनी ज्यादा ही हुआ करती थी क्योंकि वे खेत और अन्य कार्य अच्छी तरह से करने में सक्षम थे।
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ऐसे में पाटा सेका के मालिक ने उसे 200 से ज्यादा बच्चों को पैदा करने के लिए मजबूर किया ताकि वह उन्हें बेचकर अच्छा पैसा कमा सके। उसे हर दिन अलग-अलग महिलाओं के साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता था।
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जब 1888 में ब्राजील से दास प्रथा का अंत हुआ तब पाटा को आजादी मिली। आजादी मिलने के बाद पाटा को एक महिला से प्यार हुआ और दोनों ने शादी कर ली। दोनों के 9 बच्चे हुए। पाटा सेका की उम्र को लेकर कहा जाता है कि वह 130 साल तक जिंदा रहा था। साल 1958 में 130 साल की उम्र में उसकी मृत्यु हुई।
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