भारतीय व्यंजनों में मसालों का बहुत महत्व होता है। ये मसाले न केवल खाने का स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होते हैं। किचन में आने से पहले ये मसाले कई तरह के पौधों से प्राप्त होते हैं।
इन पौधों की खेती दुनिया भर में की जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि किचन में आने से पहले ये मसाले कैसे उगते और दिखते हैं?
हल्दी एक जड़ वाली फसल है। इसके पौधे जमीन में बोये जाते हैं। इसे उगने में लगभग 6-8 महीने लगते हैं जिसके बाद इसे जमीन से निकाल लिया जाता है और उन्हें धोकर सूखाया जाता है।
काली मिर्च की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है। इसके पौधे में फूल उगने के बाद काली मिर्च आने में 6 से 8 महीने का समय लग जाता है।
जायफल की खेती में लगभग 6 से 8 साल बाद फल मिलना शुरू होता है। जबकि यह पौधा लगभग 20 से 30 साल तक फल देता है।
जायफल की बेरी के अंदर दो बीज होते हैं, जिनमें से एक को जायफल और दूसरे को जावित्री कहा जाता है। ये दोनों ही चीजें मसाले के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं।
बड़ी इलायची के पौधे भी 3 से 4 साल में फल देना शुरू कर देते हैं। इसके फल पूरी तरह से जब पक जाते हैं तब तोड़े जाते हैं। बड़ी इलायची के फल को धूप में सुखाया जाता है, तब जाकर यह आपके किचन तक पहुंचता है।
जीरा के पौधे में फल एक कैप्सूल की तरह उगते हैं। इस फल के अंदर जो बीज होते हैं उसे जीरा कहते हैं।
केसर सभी मसालों में सबसे महंगा होता है इसलिए इसे लाल सोना भी कहा जाता है। इसकी खेती भारत के कश्मीर में होती है। यह फूलों के अंदर निकलता है।