Feb 18, 2024
कुछ समय पहले खबर आई थी कि मुंबई में आठ महीने बाद एक कबूतर को रिहा किया गया। इसे चीन के लिए जासूसी करने के शक में पकड़ा गया था। बता दें, जानवरों के जरिए जासूसी करने का तरीका काफी पुराना है। फर्स्ट वर्ल्ड वॉर के दौरान कबूतरों पर छोटे कैमरे लगाकर दुश्मन के इलाके में छोड़ दिया जाता था।
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मई 2023 को मुंबई की RCF पुलिस ने चीन का जासूस समझकर एक कबूतर को पकड़ा था। उन्हें उसके एक पंजे में तांबे और दूसरे में एल्युमीनियम का छल्ला दिखाई दिया था। हालांकि जांच में पता चला कि यह कबूतर ताइवान का है जिसे कबूतरों की रेस में शामिल किया गया था।
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साल 2011 में सऊदी अरब के अधिकारियों ने एक गिद्ध को गिरफ्तार किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि इजराइल इसके जरिए जासूसी कर रहा था।
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साल 2007 में ईरान में 14 गिलहरियों को पकड़ा गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन गिलहरियों पर जासूसी के डिवाइस लगाए गए थे।
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वहीं, साल 2019 में नॉर्वे के तट पर एक बेलुगा व्हेल देखी गई थी। इस व्हेल पर एक पट्टा बंधा हुआ था, उसमें कैमरे और अन्य उपकरण लगे हुए थे।
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डॉल्फिन दुनिया की सबसे बुद्धिमान, शानदार और तेज गोताखोर होती हैं। ऐसा दावा किया जाता है कि कई देश पानी के नीचे सबमरीन और माइन का पता लगाने के लिए उनका इस्तेमाल करते हैं।
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एक बार CIA ने एक बिल्लीयों पर सुनने की मशीन लगा दी थी। लेकिन इसे आगे जारी नहीं रखा गया क्योंकि बिल्लियां अपने आप कहीं और चली जाती थीं।
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सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान अमेरीका ने चमगादड़ो में आग लगाने वाले उपकरण बांधकर उन्हें जापान की लकड़ी की इमारतों पर गिराने का प्लान बनाया था।
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