May 03, 2024

अरे ये क्या... जानवर ने खुद बनाई दवाई और किया अपना इलाज! कर दिखाया गजब कारनामा

Archana Keshri

पहले के समय में हमारे पूर्वज किसी भी बीमारी के लिए अक्सर जड़ी-बूटियों पर निर्भर रहते थे। उन्हें जड़ी-बूटियों की अच्छी समझ थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पौधों के औषधीय गुणों के बारे में पशु-पक्षियों को भी जानकारी होती है?

Source: Scientific Reports

इसका एक और प्रमाण तब मिला जब वैज्ञानिकों ने एक ओरंगुटान (बंदर की एक प्रजाति) को एक जंगली पौधे की पत्तियों से अपना इलाज करते हुए पाया।

Source: Scientific Reports

वैज्ञानिकों ने एक स्टडी के दौरान पाया कि राकुस नाम का यह ओरंगुटान एक पौधे की पत्तियां तोड़कर चबा रहा था, जिसे दक्षिण पूर्व एशिया में लोग औषधि के रूप में दर्द और जलन के इलाज के लिए इस्तेमाल करते हैं।

Source: Scientific Reports

ओरंगुटान ने पहले पत्तियों को चबाया, फिर उसके बाद अपनी उंगलियों से उसके रस को अपने चोट पर लगाया। साथ ही उसने चबाए हुए पत्तों से घाव को इस तरह ढक लिया जैसे पट्टी की जाती है।

Source: Scientific Reports

यह घटना साल 2022 की है। तब वैज्ञानिकों ने इंडोनेशिया के मेदान में स्वेज प्रोजेक्ट के दौरान इस घटना को देखा और रिकॉर्ड किया। उन्होंने इस घटना की सारी तस्वीरें भी लीं।

Source: Scientific Reports

वैज्ञानिकों ने देखा कि चेहरे पर चोट लगने के बाद ओरंगुटान ने एक महीने के भीतर अपना घाव पूरी तरह से ठीक कर लिया। वैज्ञानिकों के अनुसार, राकुस ने सिर्फ घाव पर दवा लगाई, शरीर के किसी और अंग पर नहीं।

Source: Scientific Reports

रिसर्च के मुताबिक, 25 जून, 2022 को चोट लगने के बाद, ऑरंगुटान एंटी बैक्टीरियल गुणों के लिए मशहूर अकार कुनिंग पेड़ों पर चढ़ गया और पत्तियां तोड़ लीं, इसके बाद उसने इसकी दवा बनाई।

Source: Scientific Reports

उसने कई दिनों तक यही प्रक्रिया दोहराई और अपने घाव पर लगाते रहा। इस दौरान वह दिन के ज्यादातर समय आराम करता था ताकि जल्दी से ठीक हो सके।

Source: Scientific Reports

बता दें, ओरंगुटान जैसे जानवर इंसानों के पूर्वजों की सबसे करीबी प्रजाति माने जाते हैं। वहीं, इससे पहले भी वैज्ञानिकों ने कुछ बंदरों को अपना इलाज करने के लिए पौधों का इस्तेमाल करते देखा है।

Source: Scientific Reports

दुनिया की अलग-अलग जगहों पर चिम्पांजियों को अपने पेट दर्द को ठीक करने के लिए पौधों की टहनियां चबाते देखा गया है। इसके साथ ही पेट के कीड़ों को मारने के लिए उन्हें कुछ प्रकार की पत्तियां खाते हुए भी पाया गया है।

Source: Scientific Reports

दुनिया का इकलौता सांप जो बदल सकता है अपना रंग