ऑप्टिकल इल्यूजन यानी दृष्टि भ्रम न केवल एक दिलचस्प ब्रेन गेम है, बल्कि यह आपकी आंखों और दिमाग की सेहत की जांच करने का भी एक मजेदार तरीका है।
लेकिन क्या ये हमेशा मनोरंजन के लिए बनाए गए थे? क्या इनका कोई वैज्ञानिक आधार भी है?
ऑप्टिकल इल्यूजन दरअसल वो दृश्य होते हैं जिनमें दिमाग और आंखें हमें ऐसा कुछ दिखाते हैं, जो वास्तव में मौजूद नहीं होता। लेकिन ऐसा क्यों होता है? जवाब है– विकास (Evolution)।
इंसान का दिमाग वर्षों की विकास प्रक्रिया के कारण इस तरह बना है कि वह उपलब्ध जानकारी को बहुत तेजी से प्रोसेस कर सके, ताकि समय रहते फैसले लिए जा सकें।
जब रोशनी, रंग, पैटर्न और छाया एक खास तरह से मिलते हैं, तो हमारा मस्तिष्क कुछ अलग ही देखने लगता है।
यानी जो हम देख रहे हैं, वह असलियत नहीं होती, बल्कि दिमाग की बनाई गई एक छवि होती है। इसे ही दृष्टि भ्रम कहते हैं।
यहां दी गई एक तस्वीर में एक लड़की ऊंट की सवारी कर रही है। उसके साथ उसका कुत्ता भी बैठा है और एक आदमी ऊंट को आगे खींच रहा है।
बैकग्राउंड में एक अन्य पर्यटक पिरामिडों का आनंद ले रहा है। लेकिन इस सुंदर दृश्य के बीच कहीं एक छोटा-सा लैंप छिपा हुआ है। आपका चैलेंज है — इस लैंप को 15 सेकंड में ढूंढिए।
तस्वीर को चार हिस्सों में बांट लें और हर सेक्शन को ध्यान से देखें। असामान्य आकृतियों या रंगों की ओर ध्यान दें। जहां छाया हो, वहां कुछ छिपा हो सकता है।
अगर आपने पहले ऑप्टिकल इल्यूजन देखे हैं, तो शायद आपको ये काम 10 सेकंड में ही हो जाए। लेकिन अगर नहीं भी ढूंढ पाए, तो चिंता की कोई बात नहीं। यह एक अभ्यास है और अगली बार आप और बेहतर करेंगे।
अगर आप 15 सेकंड में लैंप नहीं ढूंढ पाए तो निराश न हों। यह सिर्फ एक अभ्यास है, जिससे आप अपने नजर और दिमाग की ताकत बढ़ा सकते हैं। जिन लोगों को लैंप नहीं दिखा, उनके लिए जवाब लाल घेरे में हाइलाइट किया गया है।