May 19, 2024
किसी भी देश के लिए रेवेन्यू उत्पन्न करने में टैक्सेशन सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। टैक्स सरकार को देश चलाने, सड़कों और स्वास्थ्य देखभाल जैसे बुनियादी ढांचे को बनाए रखने, देश की सीमाओं को सुरक्षित करने और सरकारी अधिकारियों के वेतन और पेंशन का भुगतान करने में मदद करते हैं।
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वैसे तो टैक्स एक निश्चित सीमा से अधिक वेतन पाने वाले व्यक्ति पर लगाया जाता है। लेकिन दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां गाय-भेड़ की डकार और पेशाब पर भी टैक्स लगाया जाता है।
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हम बात कर रहे हैं न्यूजीलैंड की। दरअसल, वहां गाय की डकार और भेड़ के पेशाब का पर्यावरण से कनेक्शन होने की वजह से ऐसा किया जा रहा है।
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जानवरों की डकार से निकलने वाली मीथेन गैस और उनके पेशाब से आने वाली नाइट्रस ऑक्साइड ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन करते हैं। ये उनके पाचन क्रिया की वजह से होता है। इससे वायुमंडल को नुकसान पहुंच सकता है।
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बता दें कि दुनिया की कुल ग्रीन हाउस गैसों में से 14 प्रतिशत का उत्सर्जन इन पालतू जानवरों से ही होता है, जो वातावरण में घुल जाती है और इंसानों के लिए काफी हानिकारक होती है।
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यानी ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाने में इनका भी योगदान माना जा सकता है। वहीं, न्यूजीलैंड में टैक्स का यह नियम जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बनाया गया है।
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दरअसल, न्यूजीलैंड की सरकार 2030 तक मीथेन गैस के उत्सर्जन में 10 फीसदी की कमी लाना चाहती है जबकि वर्ष 2050 में कटौती लक्ष्य 47 प्रतिशत तक है।
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वहीं, टैक्स के पैसों से इन जानवरों के पेट पर एक बड़ा रिसर्च किया जा रहा है। अगर ये कामयाब होता है तो जलवायु परिवर्तन से बेहाल धरती को बहुत राहत मिलने की उम्मीद है।
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बता दें, न्यूजीलैंड का फार्मिंग लॉबी और पशुपालन सेक्टर देश का सबसे ताकतवर सेक्टर है। यहां गायों के अलावा भेड़ों की संख्या भी काफी ज्यादा है। यहां की भेड़ों का ऊन दुनियाभर में फेमस है।
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