Jan 17, 2024
पुराने समय में ऐसा कहा जाता था कि महिलाएं माहवारी के दौरान अगर अचार छू दें तो वो खराब हो जाता है। ऐसा अब भी कई घरों में माना जाता है।
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यहीं नहीं माहवारी में तुलसी का पौधा नहीं छू सकती, पूजा-पाठ नहीं कर सकती यहां तक कि कई घरों में किचन तक में प्रवेश नहीं करने दिया जाता है।
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पुरानी मान्यताओं के अनुसार, महिलाएं माहवारी के दौरान अशुद्ध हो जाती हैं। अचार और महामारी की बात पूरी तरह से मिथक है। इनका आपस में कोई संबंध नहीं है।
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इसकी शुरुआत सदियों पहले हुई थी। पुराने जमाने में औरतों को नदियां या तालाब में नहाने नहीं दिया जाता था। ऐसा इसलिए क्योंकि, तब पैड का कल्चर नहीं था और ऐसा करना से पानी में ब्लड फैलने की संभावना थी।
ऐसे में पीरियड्स के दौरान उन्हें घर में रहकर आराम करने के लिए कहा गया और इतने दिन वो बिना नहाए रहती थीं। ऐसे में साफ-सफाई नहीं होने के चलते उन्हें अचार को छूने की अनुमति नहीं थी।
ये बात धीरे-धीरे गलत तरीके से लोगों तक पहुंची और एक धारणा बन गई कि माहवारी में अचार छूने से खराब हो जाता है।
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पहले के समय में ज्यादातर घरों में अचार डालना बड़ा काम होता था। ऐसे में कुछ लोग ये भी मानते हैं ये कि नियम महिलाओं को आराम देने के लिए बनाया गया था।
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अचार पानी से खराब होता है। दरअसल, इस दौरान बार-बार कपड़ा बदलने के बाद हाथ धोना पड़ता है और अगर गलती से पानी के हाथ अचार को छू दिया तो वो खराब हो सकता है।
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