Mar 11, 2024
ये दुनिया कई रहस्यों से भरी पड़ी है। दुनिया के हर कोने से कुछ न कुछ ऐसी अजीबो-गरीब चीजें सुनने को मिल जाती है, जो काफी आश्चर्यजनक होती हैं। भारत में भी कई ऐसी जगहें हैं जो रहस्यों से भरी हुई हैं।
Source: @kongthong_whistling_village/instagram
यहां की हर दिशा अपने अलग-अलग रंग, बोली, खान-पान और कला के लिए जानी जाती है। यहां की संस्कृति दूरी के साथ बदलती रहती है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान हो सकते हैं।
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भारत में ऐसा एक गांव है जहां लोग एक-दूसरे को नाम से नहीं बल्कि सीटी बजाकर बुलाते हैं। यह गांव मेघालय राज्य के पूर्वी खासी हिल्स जिले में स्थित है और इसका नाम कोंगथोंग है।
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कोंगथोंग गांव 'व्हिसलिंग विलेज' के नाम से मशहूर है। यहां रहने वाले लोग अलग-अलग धुन से एक दूसरे को बुलाते हैं जो सुनने में सिटी जैसी होती है।
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दरअसल, इस गांव में महिलाएं परिवार की मुखिया होती हैं। यहां जब कोई बच्चा पैदा होता है तो वो अपने हर बच्चे के लिए एक खास धुन बनाती हैं। ये धुन उसके नाम के साथ-साथ उस बच्चे की पहचान बन जाती है।
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यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की परंपरा सदियों से चली आ रही है। संगीत में बच्चों के नाम पिरोने की भावना उनके दिल के करीब से आती है। इस धुन को यहां के लोग 'जिंजरवई लवबी' कहते हैं।
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धुन वाले नाम के दो वर्जन होते हैं। एक बहुत छोटा होता है तो दूसरा बड़ा। छोटी धुन वाले नाम का इस्तेमाल घर में बातचीत के लिए यूज होता है और बड़ा बाहरी लोगों के लिए होता है।
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वहीं, जब बच्चा गलती करता है तो उसे सीधे उसके नाम से पुकारा जाता है। इससे उन्हें एहसास हो जाता है कि उनसे कोई गलती हुई है। 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक, इस गांव में 600 के आस-पास लोग रहते हैं, जिनके 600 अलग-अलग धुन वाले नाम रखे गए हैं।
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