सपिंड विवाह

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में सपिंड विवाह पर रोक लगाई है।

सपिंड विवाह है क्या?

कम ही लोगों को पता है कि 'सपिंड विवाह' होता क्या है?

जिन लोगों में खून का रिश्ता होता है, अगर वह शादी कर लें तो उसे 'सपिंड विवाह' कहते हैं।

जब दो लोग एक ही पिंड या कुटुंब के हों और वह शादी करे तो उसे सपिंड विवाह माना जाता है।

हिंदू मैरिज एक्ट में ऐसे रिश्तों को सपिंड कहा जाता है। अगर इनमें शादी हो तो उसे सपिंड विवाह कहा जाता है।

हिंदू मैरिज एक्ट के तहत कोई अपनी मां की तरफ से तीन पीढ़ियों तक किसी से शादी नहीं कर सकता।

ऐसा करना पाप माना जाता है और कानून के खिलाफ है।

पिता की तरफ के रिश्तों में ये नियम पांच पीढ़ियों तक लागू होता है।

ये नियम केवल हिंदुओं के लिए है, जिनके समुदाय में ऐसा करना ठीक माना जाता है, वह ऐसी शादी कर सकते हैं।