Dec 08, 2025
क्या आपने कभी ऐसे पत्थर के बारे में सुना है, जो पानी में डूबने के बजाय तैरता है? यह है प्यूमिक स्टोन, जिसे झांवा या प्यूमिस स्टोन भी कहते हैं। यह दुनिया का एक अनोखा और प्राकृतिक चमत्कार है। आइए जानते हैं इसके रहस्यों और उपयोगों के बारे में।
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प्यूमिक एक ज्वालामुखीय पत्थर है, जो तब बनता है जब लावा तेजी से ठंडा होता है। इसकी सबसे खास विशेषता है इसकी हल्की और छिद्रयुक्त संरचना। छोटे-छोटे छिद्रों में फंसी हवा के कारण इसका घनत्व पानी से कम होता है, जिससे यह पानी में तैर सकता है।
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जब ज्वालामुखी विस्फोट होता है और लावा अचानक ठंडा होता है, तो इसमें मौजूद गैसें बाहर नहीं निकल पाती। यह गैसें लावा के भीतर फंस जाती हैं और धीरे-धीरे प्यूमिक का रूप ले लेती हैं। यह पत्थर सफेद, भूरे या काले रंग का हो सकता है।
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प्यूमिक ज्वालामुखीय क्षेत्रों में पाया जाता है। दुनिया में इसे इटली, ग्रीस, तुर्की और न्यूजीलैंड में आसानी से देखा जा सकता है। भारत में भी हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे ज्वालामुखीय क्षेत्रों में यह पाया जाता है।
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प्यूमिक अपनी हल्की और खुरदरी सतह के कारण कई कामों में उपयोगी है:
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इसे स्क्रब के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
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हल्की संरचना के कारण निर्माण में फाउंडेशन और मिश्रण में प्रयोग किया जाता है।
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इसकी छिद्रयुक्त सतह पानी को शुद्ध करने में मदद करती है।
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लॉरेंस बर्कले नेशनल लैब के अनुसार, प्यूमिक के छिद्रों में फंसी हवा इसे लंबे समय तक तैरने देती है। समुद्र में तैरते हुए यह समुद्री जीवों के लिए आवास बन सकता है और पोषक तत्व फैलाने में मदद करता है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र को लाभ होता है।
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कुछ लोग इसे 'जादुई पत्थर' मानते हैं क्योंकि यह इतना हल्का है कि समुद्र में मीलों तक तैर सकता है। कभी-कभी यह समुद्र तटों पर जमा भी हो जाता है, और प्राकृतिक रूप से सुंदर दृश्यों का हिस्सा बन जाता है।
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