गर्मी का मौसम आते ही मच्छरों का आतंक बढ़ जाता है। चाहे हम सो रहे हों, जाग रहे हों, घूम रहे हों या कोई दूसरा काम कर रहे हों, मच्छर हर जगह परेशान कर देते हैं।
ये धीरे से आकर कब लोगों का खून चूस लेते हैं इसका पता भी नहीं चलता। इनके कारण मलेरिया जैसी कई बीमारियां भी फैलती हैं जो किसी की जान भी ले सकती हैं।
इन्हें मारने के लिए लोग कई तरीके अपनाते हैं। इनसे बचने के लिए लोग मॉस्किटो रैकेट और स्प्रे वैगर पर पैसे भी खर्च कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां एक भी मच्छर नहीं है।
दरअसल, हम बात कर रहे हैं उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित आइसलैंड की। ये एक ऐसा देश है जहां मच्छर, सांप और अन्य रेंगने वाले जीव नहीं पाए जाते। हालांकि इस देश में आपको मकड़ियों की कुछ प्रजातियां मिल जाएंगी।
लेकिन आश्चर्च की बात तो यह है कि इस देश के पड़ोसी देश जैसे- ग्रीनलैंड, स्कॉटलैंड और डेनमार्क में आपको बहुत सारे मच्छर दिखने को मिल जाएंगे।
ऐसा कहा जाता है कि मच्छर को जन्म लेने के लिए तालाबों और अन्य जल निकायों में एक ठहरे हुए पानी की जरूरत पड़ती है, जहां पर अंडे लार्वा में बदल जाते हैं।
लार्वा को फिर एक खास तापमान में एक निश्चित समय के लिए ठहरे हुए पानी की जरूरत होती है। लेकिन इस देश में जब तापमान गिरता है तो ठहरे हुए पानी में बर्फ जम जाती है। इस वजह से यहां मच्छरों को पनपने का वक्त नहीं मिल पाता।
आइसलैंड में मच्छरों का न होना कई रिसर्चर के लिए दिलचस्प विषय बना बनी हुई है। दरअसल, इस देश का मौसम तेजी से बदलता है, जिसके चलते मच्छर समय पर अपनी लाइफ साइकल को पूरा नहीं कर पाते हैं।
लेकिन आपको बता दें, आइसलैंड में में आपको एक जगह पर मच्छर देखने को मिल सकता है। इस जगह का नाम आइसलैंडिक इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरल हिस्ट्री म्युजियम है, जहां मच्छर के अवशेष नमूने को शराब के एक जार में सुरक्षित रखा गया है।