Apr 01, 2025
प्रकृति में कुछ ऐसी अद्भुत शक्तियां हैं, जो इंसानों से पहले जानवरों में देखी जा सकती हैं। जब कोई प्राकृतिक आपदा आने वाली होती है, तब कई जानवर असामान्य व्यवहार करने लगते हैं। वे भूकंप, तूफान, सुनामी और ज्वालामुखी विस्फोट जैसी आपदाओं का संकेत पहले ही दे सकते हैं। आइए जानते हैं उन 10 जानवरों के बारे में जो प्राकृतिक आपदाओं को पहले से ही भांप सकते हैं।
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कुत्ते इंसानों के सबसे अच्छे दोस्त माने जाते हैं, लेकिन वे प्राकृतिक आपदाओं को भी भांप सकते हैं। उनकी गंध और सुनने की क्षमता बेहद तेज होती है। भूकंप से पहले कुत्ते बेचैन हो जाते हैं, तेज भौंकते हैं और कभी-कभी लगातार रोने जैसी आवाजें निकालते हैं। कई वैज्ञानिक अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि कुत्ते पर्यावरण में होने वाले छोटे-छोटे बदलावों को महसूस कर सकते हैं।
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बिल्लियां भी कुत्तों की तरह संवेदनशील होती हैं। वे अपने पंजों और मूंछों से कंपन (vibrations) महसूस कर सकती हैं। जब कोई प्राकृतिक आपदा आने वाली होती है, तब बिल्लियां खुद को छिपाने की कोशिश करती हैं, बेचैनी महसूस करती हैं और कभी-कभी इंसानों को भी चेतावनी देने की कोशिश करती हैं।
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हाथी अपने विशाल आकार के बावजूद बहुत संवेदनशील होते हैं। वे बहुत कम आवृत्ति (low-frequency) वाली ध्वनियों को सुन सकते हैं, जिसे 'इन्फ्रासाउंड' कहा जाता है। भूकंप या सुनामी से पहले हाथी बेचैन होकर तेज दौड़ने लगते हैं। वर्ष 2004 में आई हिंद महासागर सुनामी से पहले कई चश्मदीदों ने हाथियों को ऊंचाई की ओर भागते हुए देखा था।
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पक्षी हवा के दबाव में होने वाले बदलावों को बहुत आसानी से महसूस कर सकते हैं। जब कोई तूफान या भूकंप आने वाला होता है, तो पक्षी अचानक अपने घोंसले छोड़कर उड़ने लगते हैं और कई बार बिना किसी स्पष्ट कारण के अलग-अलग दिशाओं में भागने लगते हैं।
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सांप धरती की सतह के बहुत करीब रहते हैं, इसलिए वे जमीन में होने वाले छोटे-छोटे कंपन (vibrations) को जल्दी पकड़ लेते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि सांप भूकंप आने से पहले ही अपने बिलों को छोड़कर सुरक्षित स्थान की तलाश करने लगते हैं।
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मेंढकों को जलस्तर और जलवायु में होने वाले बदलावों की गहरी समझ होती है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि भूकंप आने से कुछ दिन पहले मेंढक अपने प्रजनन स्थलों को छोड़ देते हैं। यह बदलाव उनके पर्यावरण में अचानक होने वाले परिवर्तनों के कारण होता है।
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कई शोधों में यह पाया गया है कि गायें और अन्य पालतू जानवर भी पर्यावरण में होने वाले छोटे बदलावों को महसूस कर सकते हैं। भूकंप आने से पहले गायें बेचैन हो जाती हैं, उनका दूध उत्पादन कम हो जाता है और वे ऊंचाई वाले स्थानों की ओर जाने लगती हैं।
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मधुमक्खियां पर्यावरण में बदलावों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होती हैं। जब कोई प्राकृतिक आपदा आने वाली होती है, तो मधुमक्खियां अपने छत्ते को अचानक छोड़ देती हैं, तेजी से उड़ने लगती हैं और कभी-कभी वापस लौटने में असमर्थ हो जाती हैं।
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1906 में सैन फ्रांसिस्को में आए विनाशकारी भूकंप से पहले कई रिपोर्टों में देखा गया कि घोड़े असामान्य व्यवहार कर रहे थे। वे घबराहट में दौड़ने लगे और अजीब व्यवहार करने लगे।
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वैज्ञानिक मार्टिन विकेल्स्की के अनुसार, माउंट एटना ज्वालामुखी के पास रहने वाली बकरियाँ बड़े विस्फोट से पहले असामान्य व्यवहार करने लगती हैं। वे ऊंचे स्थानों की ओर जाने लगती हैं और अचानक से अपने खाने-पीने की आदतों में बदलाव कर लेती हैं।
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