भारत में वैसे तो कई रहस्यमयी जगहें हैं लेकिन एक पहाड़ ऐसा है जहां पर ओम की आकृति अपने आप बन जाती है।
इस पहाड़ का नाम ही है 'ओम पर्वत' जो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में स्थित है।
हिंदू धर्म में इस पर्वत का खास महत्व है। कहा जाता है कि इसका कनेक्शन सीधा भगवान शिव से है।
ओम पर्वत के धार्मिक और पौराणिक महत्व का वर्णन, रामायण एवं वृत्त पुराण और महाभारत जैसे ग्रंथों में भी मिलता है।
मान्यताओं के अनुसार स्कंद पुराण के मानस खंड में आदि कैलाश एवं ओम पर्वत की यात्रा को कैलाश मानसरोवर यात्रा जितना ही महत्व दिया गया है।
कहा जाता है कि इस स्थान पर पहुंचकर मनुष्य शून्य हो जाता है और शिव शक्ति का उसे आभास होता है।
यहां हर साल बर्फ से ओम की आकृति बन जाती है। इसे आदि कैलाश या छोटा कैलाश नाम से भी जाना जाता है। जब इस पर्वत पर सूर्य की पहली किरण पड़ती है तो ओम शब्द अपने आप चमकने लगता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ओम पर्वत पर आज भी भगवान शिव वास करते हैं और साथ ही यहीं से जग कल्याण करते हैं।