Ram Mandir: अकबर-जहांगीर और शाहजहां ने भी उर्दू-फारसी में लिखवाई थी रामकथा

Jan 07, 2024 Archana Keshri

(Source: Freepik)

रामकथा सिर्फ संस्कृत या हिंदी ही नहीं, उर्दू और फारसी में भी लिखी गई है।

1584 से 1589 के बीच अकबर ने अल बदायूनी से वाल्मीकि रामायण का फारसी अनुवाद कराया था।

365 पन्नों की यह फारसी रामायण जयपुर महल संग्रहालय में मौजूद है।

जहांगीर के शासन काल में तुलसीदास के समकालीन गिरिधरदास ने वाल्मीकि रामायण का अनुवाद फारसी में किया था।

इसी काल में मुल्ला मसीही ने 'रामायण मसीही' भी लिखी थी।

शाहजहां के समय 'रामायण फैजी' लिखी गई।

1623 ईसवी में फारसी के प्रसिद्ध कवि शेख साद मसीह ने भी 'दास्ताने राम व सीता' शीर्षक से रामकथा लिखी थी।

17वीं शताब्दी में 'तर्जुमा-ए-रामायण' भी लिखी गई।

ये सभी वाल्मीकि रामायण के ही उर्दू ट्रांसलेशन थे।

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