कुछ देशों को छोड़कर जब भी हम भारतीयों को किसी दूसरे देश में जाना होता है तो हमें वीजा की जरूरत पड़ती है। लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में कई सारी ऐसी जगहें हैं जहां हम भारतवासी बिना परमिशन के जा नहीं सकते। चलिए आपको बताते हैं भारत की उन जगहों के बारे में जहां जाने के लिए भारतीयों को इनर लाइन परमिट की जरूरत पड़ती है।

भारतीयों को लेना पड़ता है परमिट

कुछ देशों को छोड़कर जब भी हम भारतीयों को किसी दूसरे देश में जाना होता है तो हमें वीजा की जरूरत पड़ती है। लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में कई सारी ऐसी जगहें हैं जहां हम भारतवासी बिना परमिशन के जा नहीं सकते। चलिए आपको बताते हैं भारत की उन जगहों के बारे में जहां जाने के लिए भारतीयों को इनर लाइन परमिट की जरूरत पड़ती है।

लक्षद्वीप

लक्षद्वीप जाने के लिए यात्रियों को अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन से क्लीयरेंट सर्टिफिकेट लेने की जरूरत होती है।

अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश में जाने के लिए इनर लाइन परमिट की जरूरत पड़ती है। इसे आप दिल्ली, कोलकाता, गुवाहटी और शिलॉन्ग में अरुणाचल प्रदेश सरकार के रेजिडेंट कमिश्नर से प्राप्त कर सकते हैं।

सिक्किम

सिक्किम के कुछ संरक्षित इलाकों में घूमने के लिए इनर लाइन परमिट की जरूरत पड़ती है, जिसे पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा जारी किया जाता है। इसे आप बागडोगरा एयरपोर्ट और रंगपोचेकपोस्ट से प्राप्त कर सकते हैं।

नागालैंड

नागालैंड जाने के लिए इनर लाइन परमिट की जरूरत होती है। इसे आप कोहिमा, दीमापुर, नई दिल्ली, मोकोकचुंग, शिलॉन्ग कोलकाता के डिप्टी कमीश्नर ऑफिस और ऑनलान भी प्राप्त कर सकते हैं।

मिजोरम

मिजोरम घूमने के लिए भी इनर लाइन परमिट आवश्यक है। यहां जाने के लिए 2 तरह के परमिट होते हैं, जिसमें एक परमिट सिर्फ 15 दिनों के लिए मान्य होता है और दूसरी 6 महीने के लिए।

मणिपुर

मणिपुर जाने के लिए भी भारतीयों को परमिट की जरूरत होती है। अगर आप यहां जा रहे हैं तो अपने साथ एक पासपोर्ट साइज फोटो और अपना मान्य पहचान पक्ष जरूर लेकर जाएं।

लद्दाख

लद्दाख की कुछ जगहों पर जाने के लिए स्पेशल परमिट की जरूरत होती है। दरअसल, लद्दाख की सीमा चीन और पाकिस्तान को छुती है जिसकी वजह से इसे सेंसेटिव इलाका माना जाता है।