क्या आप जानते हैं उत्तराखंड की खूबसूरत ‘फूलों की घाटी’ के बारे में?

आज से करीब एक सदी पहले तक इस सूबसूरत वैली ऑफ फ्लावर की जानकारी बाहरी दुनिया को कम ही थी। वैली ऑफ फ्लावर से जुड़े रोचक तथ्‍य यहां जानें -

Source: valleyofflowers-instagram

वैली ऑफ फ्लावर लगभग 87.50 वर्ग कि.मी के क्षेत्रफल में फैली हुई है, जो लगभग 2 कि.मी. चौड़ी और लगभग 8 कि.मी. लंबी है।

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इस वैली की समुद्रतल से ऊंचाई लगभग 3352 से 3658 मीटर है, यह नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान का ही एक हिस्सा है।

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किंवदंती है कि रामायण काल में हनुमान जी संजीवनी बूटी की खोज में यहीं पर आए थे।

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खास बात यह है कि फूलों की घाटी हर 2सप्ताह में अपना रंग भी बदलती है। कभी लाल तो कभी पीले फूलों के खिलने से घाटी में प्रकृति रंग बदल कर पर्यटकों को आकर्षित करती है।

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स्थानीय लोग हमेशा घाटी के अस्तित्व के बारे में जानते थे और मानते थे कि ये परियों और भगवान द्वारा बसाया गया था।

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भारत सरकार द्वारा वर्ष 1982 में इस घाटी को भारतीय राष्ट्रीय उद्यान के रूप में मान्यता प्रदान की गई थी।

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वर्ष 1988 में यूनेस्को ने इस घाटी की अद्भुत सुंदरता, स्वच्छ वातावरण को ध्यान में रखते हुए इसे विश्व धरोहर स्थल की सूची में सम्मिलित कर लिया था।

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