रणजी ट्रॉफी के 2010/11 सीजन में राजस्थान ने हैदराबाद को 21 रन पर समेट दिया था। जो टूर्नामेंट के इतिहास में किसी टीम का सबसे कम स्कोर है।
रणजी ट्रॉफी के उद्घाटन संस्करण 1934/35 में उत्तर भारत ने दक्षिण पंजाब को 22 रन पर ढेर कर दिया था। यह 76 साल तक टूर्नामेंट का सबसे कम स्कोर बना रहा।
रणजी ट्रॉफी के 1938/39 सीजन में दक्षिण पंजाब के खिलाफ सिंध की टीम 23 रन पर ढेर हो गई थी। यह रणजी ट्रॉफी के इतिहास में संयुक्त तीसरा सबसे कम स्कोर है।
सिंध के साथ जम्मू एंड कश्मीर के नाम भी यह अनचाहा रिकॉर्ड दर्ज है। जम्मू एंड कश्मीर 1960/61 में दिल्ली के खिलाफ 23 रन पर ऑलआउट हो गई थी।
जम्मू एंड कश्मीर की टीम 1977/78 में हरियाणा के खिलाफ भी 23 रन पर ऑलआउट हुई थी। तब हरियाणा के राजिंदर गोयल ने 6 और सरकार तलवार ने 3 विकेट लिए थे।
सौराष्ट्र की टीम रणजी ट्रॉफी 1951/52 में बॉम्बे के खिलाफ दूसरी पारी में 25 रन पर ऑलआउट हो गई थी। उसी सीजन बॉम्बे ने मैसूर को दूसरी पारी में 28 रन पर ढेर कर दिया था।
रणजी ट्रॉफी 2022/23 में उत्तराखंड के खिलाफ नगालैंड की पूरी टीम 25 रन ढेर हो गई थी। उत्तराखंड के मयंक मिश्रा ने 4 रन देकर 5 और स्वप्निल सिंह ने 21 रन दे 4 विकेट लिए थे।
रणजी ट्रॉफी 1963/64 में मैसूर के खिलाफ केरल 27 रन पर ऑलआउट हुई थी। मैसूर के भाष्कर राव ने 9 रन दे 3 और योगेंद्र बाबूभाई पटेल ने 18 रन देकर 6 विकेट लिए थे।
जम्मू एंड कश्मीर 1960/61 में दिल्ली के खिलाफ 28 रन पर ढेर हो गई थी। तब दिल्ली के राजिंदर पाल ने 3 रन देकर 6 और सीताराम ने 19 रन देकर 4 विकेट लिए थे।