एक समय था जब अंतरराष्ट्रीय शतरंज में भारत को केवल विश्वनाथन आनंद के नाम से ही जाना जाता था।
आज स्थिति अलग है, आर प्रज्ञानंद, डी गुकेश विदित गुजराती और वैशाली जैसे युवा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमा रहे हैं।
प्रज्ञानंद और वैशाली की भाई-बहन की जोड़ी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कहर मचाया हुआ है।
दोनों कैंडिडेट्स टूर्नामेंट खेलने वाली भाई-बहन की पहली जोड़ी थी।
वहीं अब दोनों ने नॉर्वे टूर्नामेंट में भी तीसरे राउंड (30 जून) तक कमाल का प्रदर्शन किया है।
वैशाली और प्रज्ञानंद भारत की पहली भाई-बहन की जोड़ी है जिसने ग्रैंडमास्टर का टाइटल हासिल किया है। दोनों की सफलता में मां का अहम रोल है।
वैशाली और प्रज्ञानंद दोनों ही द्रोणाचार्य अवॉर्डी आरबी रमेश के शिष्य हैं।
दोनों भाई-बहन को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।